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Punjab Assembly Election: चुनाव खर्च नहीं जमा करने पर पांच उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराया

Punjab Assembly Election: चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में भाग लेने वाले पांच उम्मीदवारों को विभिन्न आदेशों के तहत अयोग्य ठहराने का निर्णय लिया है। यह कार्रवाई उन उम्मीदवारों के खिलाफ की गई है जिन्होंने अपने चुनाव खर्च की जानकारी समय पर आयोग को प्रस्तुत नहीं की थी।

चुनाव आयोग की कार्रवाई

पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी सिबिन सी ने इस संबंध में जानकारी दी कि इन उम्मीदवारों ने ‘प्रतिनिधित्व के लोगों का अधिनियम, 1951’ की धारा 78 के तहत चुनाव खर्च की जानकारी आयोग के पास निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं जमा की, जिसके चलते उन्हें अगले तीन वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया गया है।

Punjab Assembly Election: चुनाव खर्च नहीं जमा करने पर पांच उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराया

अयोग्य ठहराए गए उम्मीदवारों का विवरण

इन पांच उम्मीदवारों में से तीन उम्मीदवार संगरूर जिले से हैं और एक-एक उम्मीदवार मंसा और फरीदकोट जिलों से हैं। चुनाव आयोग के आदेशों के अनुसार, शक्ति कुमार गुप्ता और जसविंदर सिंह, जिन्होंने संगरूर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, को अयोग्य ठहराया गया है। इसके अलावा, संमुख सिंह मोखा, जिन्होंने सुनाम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, भी इस कार्रवाई का शिकार हुए हैं।

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फरीदकोट विधानसभा सीट से चुनाव लड़े गुरचरण सिंह संगहा को भी अयोग्य ठहराया गया है। मंसा जिले के निवासी हरभगवान शर्मा भी सुनाम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के कारण अयोग्य ठहराए गए हैं।

चुनाव खर्च की रिपोर्टिंग का महत्व

चुनाव खर्च की जानकारी जमा करना चुनाव प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सुनिश्चित करता है कि उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में वित्तीय अनुशासन का पालन करें और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या अनियमितता से बचें। उम्मीदवारों को यह जानकारी समय पर और सही तरीके से देनी होती है, ताकि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित कर सके कि सभी उम्मीदवार समान अवसरों के साथ चुनाव में भाग ले रहे हैं।

पिछले चुनावों में हुई अनियमितताएं

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में उम्मीदवारों द्वारा चुनाव खर्च की जानकारी नहीं देने के मामले पहले भी सामने आए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि कुछ उम्मीदवार या तो जानबूझकर इस प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं या उन्हें इस बारे में सही जानकारी नहीं है। इससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठता है और यह चिंता का विषय है कि क्या चुनावी प्रक्रिया के दौरान सभी नियमों का पालन हो रहा है या नहीं।

चुनाव आयोग की भूमिका

चुनाव आयोग का कार्य केवल चुनाव कराना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि चुनाव प्रक्रिया के सभी पहलुओं का पालन किया जाए। अयोग्य ठहराए गए उम्मीदवारों के मामले में आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई नियमों और कानूनों के अनुसार की गई है।

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चुनाव आयोग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और यह संदेश दिया है कि वह चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए कृतसंकल्पित है।

उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया

इस कार्रवाई पर उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कुछ उम्मीदवारों ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा मानते हुए विरोध जताया है। उनका कहना है कि आयोग की यह कार्रवाई उन्हें चुनावी प्रक्रिया से बाहर करने के लिए की गई है।

हालांकि, आयोग का कहना है कि यह निर्णय पूरी तरह से नियमों के अनुसार लिया गया है और सभी उम्मीदवारों को समान रूप से इस प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।

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